महिंद्रा की सबसे सस्ती SUV की घट गई डिमांड, जुलाई में बिक्री 27% धड़ाम

भारत का ऑटोमोबाइल सेक्टर इन दिनों काफी उतार-चढ़ाव भरा दौर देख रहा है। जहां एक ओर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) तेजी से पॉपुलर हो रहे हैं, वहीं पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाड़ियों की डिमांड में लगातार उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है। इसी कड़ी में भारत की जानी-मानी कंपनी महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) के लिए जुलाई का महीना कुछ खास अच्छा साबित नहीं हुआ।

कंपनी की सबसे सस्ती SUV, जिसने कभी भारतीय बाजार में जबरदस्त बिक्री दर्ज की थी, उसकी डिमांड में जुलाई 2025 में भारी गिरावट देखने को मिली। आंकड़ों के मुताबिक इस SUV की बिक्री पिछले साल की तुलना में 27 फीसदी कम रही। यह गिरावट ऑटो इंडस्ट्री में चर्चा का विषय बन गई है क्योंकि महिंद्रा को आमतौर पर दमदार और भरोसेमंद SUV ब्रांड माना जाता है।

तो आखिर इस SUV की डिमांड क्यों घटी? चलिए जानते हैं विस्तार से।

कौन सी है महिंद्रा की सबसे सस्ती SUV?

महिंद्रा की सबसे सस्ती SUV की बात करें तो इसका नाम है Mahindra XUV300 (या कुछ मार्केट्स में इसकी एंट्री-लेवल वैरिएंट)। XUV300 को लॉन्च के समय युवाओं और फैमिली ग्राहकों दोनों के लिए परफेक्ट पैकेज बताया गया था।

इसमें स्टाइलिश लुक, दमदार इंजन, सेफ्टी फीचर्स और महिंद्रा की मजबूत ब्रांड इमेज सब कुछ मौजूद था। यही वजह रही कि शुरुआती सालों में इसकी बिक्री ने कंपनी को अच्छी रफ्तार दी। लेकिन अब धीरे-धीरे इसकी डिमांड घटती जा रही है।

जुलाई 2025 की बिक्री रिपोर्टबिक्री रिपोर्ट के अनुसार जुलाई 2025 में Mahindra की इस SUV की सेल्स पिछले साल की तुलना में 27% कम हुई है। अगर आंकड़ों को समझें तो पिछले साल इसी महीने कंपनी ने जहां लगभग 7,000 यूनिट्स बेचे थे, वहीं इस बार यह आंकड़ा घटकर करीब 5,100 यूनिट्स पर आ गया।

इतनी बड़ी गिरावट ने न केवल कंपनी को बल्कि डीलर्स को भी चिंता में डाल दिया है।

डिमांड घटने की मुख्य वजहें

SUV सेगमेंट में महिंद्रा की पकड़ हमेशा से मजबूत रही है, लेकिन इस बार कई कारणों ने इसकी सबसे सस्ती SUV की बिक्री को प्रभावित किया है।

1. बढ़ती प्रतिस्पर्धा

आज भारतीय बाजार में Maruti Brezza, Tata Nexon, Hyundai Venue, Kia Sonet और अब नई-नई इलेक्ट्रिक SUVs भी मौजूद हैं। इस प्रतिस्पर्धा में ग्राहकों को कई विकल्प मिल रहे हैं, जिसके चलते महिंद्रा की एंट्री-लेवल SUV की पकड़ कमजोर हो गई है।

2. इलेक्ट्रिक गाड़ियों का बढ़ता क्रेज

पेट्रोल और डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी ने ग्राहकों को इलेक्ट्रिक गाड़ियों की ओर मोड़ दिया है। जहां पहले लोग 10-12 लाख की रेंज में पेट्रोल SUV खरीदते थे, वहीं अब वे EVs को प्राथमिकता देने लगे हैं।

3. टेक्नोलॉजी और फीचर्स में कमी

महिंद्रा की इस SUV में भले ही दमदार इंजन और सेफ्टी फीचर्स हों, लेकिन टेक्नोलॉजी और कनेक्टिविटी फीचर्स के मामले में यह Hyundai और Kia जैसी कंपनियों से पीछे रह गई। खासकर युवा ग्राहकों को मॉडर्न फीचर्स चाहिए होते हैं जो इसमें कम देखने को मिलते हैं।

4. डिजाइन और अपडेट की कमी

कंपनियां हर 2-3 साल में अपनी गाड़ियों का फेसलिफ्ट या अपडेट लेकर आती हैं। Mahindra ने इस SUV में लंबे समय से बड़ा अपडेट नहीं दिया, जिसकी वजह से इसका डिजाइन अब थोड़ा पुराना लगने लगा है।

5. ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताएं

आजकल लोग माइलेज और स्टाइलिश लुक के साथ-साथ लो-मेंटेनेंस कारें पसंद करते हैं। महिंद्रा की यह SUV मेन्टेनेंस और माइलेज के मामले में प्रतिस्पर्धा से पीछे रही, जिससे इसकी डिमांड घटी।

महिंद्रा के लिए इसका असर

Mahindra & Mahindra भारतीय बाजार में SUV सेगमेंट की बड़ी कंपनी है। Scorpio, Bolero, Thar और XUV700 जैसी गाड़ियां इसकी शान हैं। लेकिन इसकी सबसे सस्ती SUV की डिमांड घटने का मतलब है कि कंपनी की एंट्री-लेवल मार्केट में पकड़ ढीली पड़ रही है।

अगर यह ट्रेंड लगातार जारी रहा तो Mahindra को लोअर प्राइस सेगमेंट के ग्राहकों को खोना पड़ सकता है, जो भविष्य में EVs या अन्य ब्रांड्स की ओर शिफ्ट हो जाएंगे।

ग्राहकों की प्रतिक्रिया

कई ग्राहकों का कहना है कि महिंद्रा की यह SUV दमदार जरूर है लेकिन फीचर्स और माइलेज के मामले में पीछे है। युवाओं का मानना है कि Tata Nexon या Hyundai Venue जैसी कारें ज्यादा स्टाइलिश और एडवांस टेक्नोलॉजी के साथ आती हैं। वहीं फैमिली ग्राहकों को Maruti Brezza जैसी गाड़ियां ज्यादा भरोसेमंद लगती हैं।

क्या है महिंद्रा की रणनीति?महिंद्रा ने यह महसूस किया है कि बदलते समय के साथ अब नई टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर फोकस करना जरूरी है। कंपनी पहले से ही Mahindra XUV400 Electric पर काम कर रही है और आने वाले सालों में कई नई EVs लॉन्च करने की योजना बना रही है।

इसके अलावा संभावना है कि महिंद्रा अपनी इस सस्ती SUV का फेसलिफ्ट वर्जन लाए, जिसमें डिजाइन अपडेट, मॉडर्न फीचर्स और बेहतर माइलेज दिया जाए।

भारतीय SUV मार्केट का भविष्य

भारत में SUV की डिमांड लगातार बढ़ रही है, लेकिन अब ग्राहक ज्यादा समझदार हो चुके हैं। वे सिर्फ दमदार इंजन या ब्रांड नाम पर गाड़ी नहीं खरीदते बल्कि टेक्नोलॉजी, माइलेज, डिजाइन और सेफ्टी पर बराबर ध्यान देते हैं।

इसी वजह से कंपनियों को अपने मॉडल्स को लगातार अपडेट करना पड़ रहा है। अगर महिंद्रा ने समय रहते बदलाव नहीं किए तो उसकी सबसे सस्ती SUV की स्थिति और खराब हो सकती है।

निष्कर्ष

महिंद्रा की सबसे सस्ती SUV, जिसने कभी बाजार में अच्छी पकड़ बनाई थी, उसकी डिमांड में जुलाई 2025 में 27% की गिरावट देखी गई। यह गिरावट बढ़ती प्रतिस्पर्धा, फीचर्स की कमी, इलेक्ट्रिक गाड़ियों के बढ़ते क्रेज और ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं का नतीजा है।

हालांकि महिंद्रा अभी भी भारतीय SUV मार्केट की एक मजबूत कंपनी है और उसके पास Scorpio, Bolero, Thar जैसी हिट गाड़ियां हैं। लेकिन अगर कंपनी को एंट्री-लेवल SUV सेगमेंट में अपनी पकड़ बनाए रखनी है तो उसे तुरंत इस मॉडल को अपडेट करना होगा और ग्राहकों को ज्यादा वैल्यू-फॉर-मनी पैकेज देना होगा।

भविष्य में अगर महिंद्रा EV सेगमेंट पर ध्यान देती है और अपनी सस्ती SUV में नए फीचर्स जोड़ती है तो संभव है कि इसकी बिक्री फिर से बढ़ जाए। लेकिन फिलहाल के हालात में यह कहना गलत नहीं होगा कि महिंद्रा की इस SUV को कड़ी चुनौती मिल रही है और कंपनी को नई रणनीति अपनानी ही होगी।

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